कृषक प्रसार सेवा
कृषकों को उनके अनाज के भण्डारण एवं उसकी सुरक्षा के उद्देश्य से निगम में कार्यरत
कुशल तकनीकी कार्मिकों द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है, जिसके अन्तर्गत विभिन्न वर्षों
में प्रशिक्षित किये गये कृषकों की संख्या निम्नवत् हैं:-
S.No.
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वर्ष
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प्रशिक्षित किये गये कृषकों की संख्या
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1.
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2008-09
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29081
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2.
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2009-10
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34286
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3.
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2010-11
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32400
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4.
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2011-12
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34905
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5.
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2012-13
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33900
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6.
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2013-14
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35021
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7.
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2014-15
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36132
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8.
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2015-16
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3915
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9.
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2016-17(31-01-2017 तक)
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28149
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कीटपरिनाशक सेवा
निगम द्वारा किसानों, व्यापारियों, संस्थाओं आदि के घरों, गोदामों आदि में भण्डारित
कृषि जिन्सों आदि की सुरक्षा व्यवस्था भी मामूली शुल्क लेकर की जाती है। इस कीट परिनाशक
सेवा योजना के अन्तर्गत निगम को विभिन्न वर्षों में निम्न प्रकार से आय हुई:-
S.No.
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वर्ष
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कीटपरिनाशक सेवा योजना से आय ( लाख रू0 में )
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1.
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2008-09
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34.10
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2.
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2009-10
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24.89
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3.
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2010-11
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20.50
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4.
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2011-12
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24.86
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5.
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2012-13
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16.65
|
6.
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2013-14
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27.90
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7.
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2014-15
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23.39
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8.
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2015-16
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4.49
|
9.
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2016-17(31-01-2017)
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27.84
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कीटपरिनाशक सेवा योजना
प्रदेश की लगभग ७0 प्रतिशत कृषि उपज, कृषकों, व्यापारियों एवं उपभोक्ताओं के द्वारा
भण्डारित कर ली जाती हैं। उनके द्वारा भण्डारित कृषि उपज को बचाने हेतु उनके भण्डारण
स्थल पर ही स्प्रे, फ्यूमीगेशन कर कीट नियन्त्रण सुनिश्चित करने एवं आवासीय/बागवानी
को कीटमुक्त करने हेतु निगम के कार्यों में विविधीकरण की दृष्टि से यह योजना प्रारम्भ
की गयी है जिससे कि कीटों एवं हानिकारक जीवों से कृषकों के साथ-साथ सामान्य नागरिक
को छुटकारा दिलाया जा सके एवं राष्ट्रीय क्षति को रोका जा सके। इसके लिए निगम के योग्य
प्रशिक्षित कार्मिकों को टीम द्वारा यह कार्य किया जाता है।